गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इसका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है और यह ज्ञान, शक्ति, और शुद्धता का प्रतीक है। गायत्री मंत्र का उच्चारण मन की शुद्धि, बुद्धि में वृद्धि और सकारात्मकता के लिए किया जाता है।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
अर्थ:हम उस परम शक्ति का ध्यान करते हैं, जो सृष्टि का सृजनहार है, जो हमें पापों से मुक्त करने वाला है, जो ज्ञान का प्रकाश देने वाला है। वह दिव्य शक्ति हमारी बुद्धि को सन्मार्ग पर प्रेरित करे।
यहाँ कुछ अन्य मंत्र दिए गए हैं जिन्हें आप दैनिक जप के लिए उपयोग कर सकते हैं:
1.या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।
अर्थ:जो देवी सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में विद्यमान हैं, उन्हें बारंबार प्रणाम है, उन्हें बार-बार प्रणाम है, बारंबार प्रणाम है, नमस्कार है।
यह मंत्र देवी दुर्गा की स्तुति में है, जिसमें उन्हें शक्ति के प्रतीक रूप में सभी प्राणियों में निवास करने वाली माना गया है। नवरात्रि के दौरान और शक्ति की आराधना में इसका विशेष रूप से जाप किया जाता है।
2.कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि॥
अर्थ:जो कर्पूर के समान गौर वर्ण के हैं, जो करुणा के अवतार हैं, जो इस संसार के सार हैं, और जिनके गले में सर्प का हार है। जो सदा भगवती पार्वती के साथ भक्तों के हृदय कमल में निवास करते हैं, उन भगवान शिव को मैं नमस्कार करता हूँ।
इस मंत्र में शिवजी के कृपा रूप, दया, और शांति का आह्वान किया गया है और यह उनकी शांति और सहनशीलता की प्रतीक है।
3.महा मृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र स्वास्थ्य, दीर्घ जीवन और सुरक्षा के लिए जपा जाता है।
मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर मुक्तिः माऽमृतात्॥
अर्थ:हम त्र्यम्बक (भगवान शिव) की आराधना करते हैं, जो सुगंधित हैं और जीवन को बढ़ाने वाले हैं। जैसे ककड़ी अपने बंधनों से मुक्त होती है, वैसे ही हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें ।
4. देवी सरस्वती जी का मंत्र
मंत्र
ॐ ऐं सरस्वती नमः॥
अर्थ:हे देवी सरस्वती! मैं आपको प्रणाम करता हूँ।
5.गणेश मंत्र
सभी कार्यों की सफलता और विघ्न से मुक्ति के लिए गणेश जी का मंत्र है।
मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः॥
अर्थ:मैं भगवान गणेश को प्रणाम करता हूँ।
6.शांति मंत्र
दैनिक जीवन में शांति और सुख के लिए।
मंत्र
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
अर्थ:हम शांति का आह्वान करते हैं।
7.इसके अतिरिक्त, आप उपनिषदों में वर्णित एक प्राचीन शांति मंत्र भी जप सकते हैं:
ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः।
पृथिवी शान्तिरापः शान्तिः।
औषधयः शान्तिः।
विश्वेदेवाः शान्तिः।
सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चिद्दुखभाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
अर्थ:
आकाश में शांति हो। अंतरिक्ष में शांति हो। पृथ्वी में शांति हो। जल में शांति हो। औषधियों में शांति हो। सभी देवताओं में शांति हो। सभी सुखी हों।सभी निरोगी हों। सभी भले कार्य देखें। कोई भी दुखी न हो।
यह शांति पाठ ध्यान और साधना के समय या किसी धार्मिक अनुष्ठान के अंत में किया जाता है, जिससे वातावरण में शांति और सकारात्मकता बनी रहे।
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